इंटरनेट बैंकिंग हेतु निबंधन व शर्तें


परिचय:

इंटरनेट बैंकिंग सुविधा ग्राहक की सुविधा मात्र के लिए प्रदान की जाती है तथा ग्राहक इसका उपयोग अपने जोखिम पर कर सकता है। बैंक में खाता रखते हुए तथा/ या इस सुविधा का उपयोग करते हुए ग्राहक बिना शर्त इस बात से सहमत होता है कि वह बैंक द्वारा किए गए या नहीं किए गए लेनदेनों को चुनौती नहीं देगा तथा बैंक द्वारा अनुरक्षित रिकॉर्ड को बिना किसी आपत्ति या विरोध के स्वीकार करेगा और इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए किए गए या नहीं किए गए लेन-देन से हुए नुकसान या किसी अन्य परिणाम के प्रति बैंक को ज़िम्मेदार न बताते हुए बैंक के साथ बना रहेगा। उपर्युक्त पृष्ठभूमि को देखते हुए, ग्राहक बैंक द्वारा दी गई किसी भी सेवा का उपयोग इंटरनेट के ज़रिए कर सकता है। निबंधन व शर्तों से बाहर अन्यत्र उल्लिखितानुसार शर्तों व विशेषताओं के अलावा कुछ अतिरिक्त निबंधन व शर्तें तथा वे आधार जिन पर बैंक इंटरनेट के ज़रिए सेवाएँ प्रस्तावित करता है, निम्नवत हैं:

परिभाषा:

इस दस्तावेज़ में निम्नलिखित शब्द व मुहावरों के अर्थ उनके सामने दिए गए हैं जब तक कि संदर्भों में अन्यथा उल्लिखित नहीं हो।

    -बैंक का अभिप्राय आइओबी, बैंककारी कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं अंतरण) अधिनियम 1970 के तहत गठित कॉर्पोरेट निकाय से है, जिसका केंद्रीय कार्यालय 763, अण्णा सालै, चेन्नै-2, तमिलनाडु, भारत में है।

'इंटरनेट' बैंकिंग बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सेवा का ट्रेड नेम है जो खाता सूचना, उत्पादों, तथा समय समय पर बैंक द्वारा ग्राहकों को सूचित अन्य सेवाओं के बारे में इंटरनेट के माध्यम से सूचना देता है। इंटरनेट बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग, ई-बैंकिंग तथा इंटरनेट बैंकिंग सेवाएँ/ सुविधाओं का उपयोग आदान-प्रदान करके किया जा सकता है।

    - ग्राहक से अभिप्राय किसी भी ऐसे व्यक्ति से है जिसका बैंक में खाता है तथा जिसे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा या किसी अन्य सेवा को प्राप्त करने के लिए बैंक द्वारा प्राधिकृत किया गया है।

    - खाते का अभिप्राय ग्राहक के जमा तथा /या चालू खाते तथा/ या सावधि जमा तथा/ या इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग से परिचालन के लिए पात्र खाता (ते) अथवा बैंक द्वारा इस तरह नामित किसी अन्य खाते से है। अवयस्क के खाते या वे खाते जिसमें कोई अवयस्क संयुक्त खाताधारक है, वे इंटरनेट बैंकिंग खाता होने के पात्र नहीं होंगे।

    - व्यक्तिगत सूचना का अर्थ इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित सुविधा प्राप्त ग्राहक की सूचना से है।

    - निबंधन का अर्थ इस दस्तावेज़ में निर्दिष्ट इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग हेतु निबंधन व शर्ते हैं। इस दस्तावेज़ में दिए गए सभी संदर्भ जो पुरुषों के लिए हैं, वही महिलाओं के लिए भी होंगे।

तकनीकी पद सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत दी गई परिभाषाओं द्वारा प्रयोग किए जाएँगे।

निबंधनों की प्रयोज्यता:

ये निबंधन ग्राहक व बैंक के मध्य करार बनाते हैं। इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन करके तथा सेवा का उपयोग करके ग्राहक सहमति देता है और इन निबंधनों को स्वीकार करता है। ये निबंधन ग्राहक के किसी भी खाते से संबंधित निबंधन व शर्तों के अतिरिक्त हैं, जिसपर खाता खोलते वक़्त ही ग्राहक की सहमति ली गई है। इन निबंधनों व ऐसे खाते को खोलते वक़्त के उन निबंधनों, जिन पर ग्राहक की सहमति है, में किसी भी प्रकार का विरोध होने पर ये निबंधन मान्य होंगे।

इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन:

बैंक अपने विवेकाधिकार से चुनिन्दा ग्राहकों को, इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान कर सकता है। ग्राहक इंटरनेट प्रयोक्ता होना चाहिए और इस संबंध में उसे जानकारी होनी चाहिए। इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन ऑनलाइन पंजीकरण के ज़रिए किया जाना है। पंजीकरण की स्वीकृति को इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन का स्वत: स्वीकार करना नहीं माना जाएगा।

सॉफ्टवेयर:

इंटरनेट बैंकिंग के लिए बैंक अपेक्षित इंटरनेट सॉफ्टवेयर जैसे ब्राउज़र्स के बारे में समय-समय पर सूचित करेगा। इंटरनेट सॉफ्टवेयर के सभी वर्ज़न को सपोर्ट करने के लिए बैंक बाध्य नहीं होगा। ग्राहक समय - समय पर अपने सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम को अपने खर्च पर अपग्रेड करेंगे ताकि वे बैंक के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कंपैटिबल हो सकें। बैंक समय-समय पर अपने सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम को बदलने, अपग्रेड करने के लिए स्वतंत्र है तथा ग्राहक के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम के सपोर्ट के लिए बाध्य नहीं होगा। यह ग्राहक/ प्रयोक्ता की जिम्मेदारी ी होगी कि सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम आदि के सपोर्ट को सुनिश्चित करे।

जहाँ ग्राहक भारत से बाहर किसी अन्य देश से परिचालन करता है, तो वह किसी लाइसेंस (पर उस तक सीमित नहीं) को प्राप्त करने के साथ उस देश के स्थानीय कानूनों के अनुपालन के लिए भी उत्तरदायी होगा।

ग्राहक को हैकर्स, वायरस हमले आदि जैसे खतरों से अपने सिस्टम की सुरक्षा करने के लिए अपने ही खर्च पर उपयुक्त उपाय करने होंगे। उपायों में प्रभावी एंटी-वाइरस स्कैनर्स, फायरवाल्स आदि के प्रतिष्ठापन शामिल होंगे।

एकायत्त अधिकार:

ग्राहक इस बात की सहमति देता है कि इंटरनेट बैंकिंग के विचाराधीन सॉफ्ट्वेयर के साथ साथ अन्य इंटरनेट संबंधी सॉफ्टवेयर जो इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग के लिए अपेक्षित हैं, वे संबंधित विक्रेताओं की विधिक संपत्ति हैं। इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग के लिए बैंक द्वारा दी गई अनुमति का अर्थ उक्त सॉफ्टवेयर में किसी भी तरह का स्वामित्व अधिकार ग्राहक/ प्रयोक्ता को देना नहीं होगा।

ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग के सॉफ्टवेयर का संशोधन, रूपांतरण, पृथक करने या उसे प्रत्यावर्तित करने का प्रयास नहीं करेगा या सॉफ्टवेयर पर आधारित कोई व्युत्पन्न उत्पाद सृजित नहीं करेगा।

इंटरनेट बैंकिंग सेवाएं:

बैंक द्वारा समय-समय पर निर्णीत सेवाओं के बारे में ग्राहक को इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए सूचना देने का प्रयास करेगा। बैंक अपने विवेकाधिकार पर इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए ग्राहक को प्रस्तावित की जाने वाली सेवाओं के प्रकार का निर्णय करने का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखता है। सेवा विशेष की उपलब्धता/ अनुपलब्धता की सूचना ईमेल या बैंक के वेब पेज या लिखित सूचना के ज़रिए दी जाएगी।

बैंक अपने पास उपलब्ध प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए इंटरनेट बैंकिंग सेवा की सुरक्षा व उसके अप्राधिकृत प्रयोग से बचने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतेगा।

ग्राहक किसी अवैध या अनुचित उद्देश्य के लिए इंटरनेट बैंकिंग या ऐसी किसी सेवा का प्रयोग न स्वयं करेगा और न ही दूसरों को ऐसे प्रयोग की अनुमति देगा।

इंटरनेट बैंकिंग ऐक्सेस:

पहले पहल ग्राहक एक यूज़र आइडी व एक पासवर्ड के साथ पंजीकृत होगा। ग्राहक को चाहिए कि वह अपने पासवर्ड को किसी को न बताए व इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर इसे बदलते रहें।

शुरुआत में यूज़र आइडी व पासवर्ड के अलावा बैंक अपने विवेकाधिकार से ग्राहक को डिजिटल अभिप्रमाणन तथा/ या स्मार्ट कार्ड को शामिल करते हुए परन्तु उस तक ही सीमित न रहते हुए अभिप्रमाणन के किसी अन्य माध्यम को अपनाने के लिए सूचित कर सकता है।

ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं के अलावा किसी अन्य माध्यम से बैंक के कंप्यूटर में निहित खाते से संबंधित सूचना प्राप्त करने का प्रयास नहीं करेगा न ही अन्य किसी को इसकी अनुमति देगा।

पासवर्ड/ पिन:

i) ग्राहक को चाहिए कि वह:

  •  पासवर्ड/पिन को पूरी तरह गोपनीय रखे व किसी से भी साझा न करे।
  •  एक ऐसा पासवर्ड चुने जिसमें कम से कम 6 अक्षर हों, तथा अक्षर व अंक दोनों हों और इनका संबंध ग्राहक के नाम, पते, टेलिफोन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ा नहीं हो और ना ही ऐसे अक्षर व अंक हों जिनका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।
  •  ऐसा पिन चुने जिसमें कम से कम 4 अंक हों और जो टेलिफोन नंबर, जन्मतिथि आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित नहीं हो। साथ ही ऐसे अंक भी न हों जिनका अनुमान आसानी से लगाया जा सके।
  •  पासवर्ड/पिन को याद रखें तथा उन्हें पन्ने पर या इलेक्ट्रॉनिक रूप से कहीं भी लिख कर न रखें और
  •  किसी भी अप्राधिकृत व्यक्ति को अपने कंप्यूटर का प्रयोग करने न दें और इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करते हुए कंप्यूटर को खुला न छोड़ें।

ii)  यदि ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड या पिन भूल जाता है, तो वह नए पासवर्ड या पिन के सृजन हेतु "Forgot Password" / “Forgot PIN” विकल्प का प्रयोग कर सकता है। यदि वह नए पासवर्ड/पिन के सृजन के लिए अपेक्षित विवरण की प्रस्तुति में असमर्थ है तो वह निर्धारित प्रपत्र को डाउनलोड कर सकता है और नया पासवर्ड/पिन ज़ारी करने के लिए इसे विधिवत हस्ताक्षरित करके संबंधित शाखा को भेज सकता है।

ग्राहक प्राइवेट की (key), जो कि डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध पब्लिक की (key) के तदनुरूप है, को सुरक्षित रखेगा।

तीसरे पक्ष द्वारा पासवर्ड/पिन डिजिटल हस्ताक्षर के दुरूपयोग या प्रयोग से हुई किसी भी हानि या नुकसान की ज़िम्मेदारी सिर्फ ग्राहक की होगी और बैंक इसके लिए जवाबदेह नहीं होगा।

संयुक्त खाता:

इंटरनेट बैंकिंग सेवा संयुक्त खातों के मामले में सिर्फ तभी दी जाएगी जब परिचालन की पद्धति 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' या 'कोई एक या उत्तरजीवी' के रूप में इंगित हो । इन संयुक्त खातों के मामले में संयुक्त खाता धारकों में से किसी एक को इंटरनेट बैंकिंग यूज़र आइडी ज़ारी किया जाएगा । संयुक्त खाते समेत किसी भी तरह के खाते के लिए अतिरिक्त यूज़र आइडी व पासवर्ड ज़ारी करने का विकल्प बैंक के पास है । दूसरे संयुक्त धारक को इस व्यवस्था पर अपनी सहमति व्यक्त करनी होगी तथा इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग के लिए अपनी सहमति आवेदन प्रपत्र में देनी होगी । यदि कोई भी संयुक्त खाताधारक उनके द्वारा संयुक्त रूप से खोले गए किसी भी इंटरनेट बैंकिंग खाते पर "भुगतान रोकें" का अनुदेश देता है या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए या फिर लिखित रूप में या प्राधिकृत संप्रेषण अथवा किसी अन्य माध्यम द्वारा परिचालन के संबंध में इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं को रोकने का अनुरोध करता है, तो ग्राहक के लिए इंटरनेट बैंकिंग सेवाएँ रोक दी जाएँगी। मौजूदा खाते में किसी नए नाम को जोड़ने की स्थिति में, यह स्वत: ही लागू होगा । संयुक्त खाते के परिचालन हेतु इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग से होने वाले सभी लेन - देन सभी संयुक्त धारकों पर संयुक्त तथा अलग-अलग रूप से बाध्यकारी होंगे।

मेल का पता:

बैंक के सभी पत्राचार/ डिलिवरी बैंक में पंजीकृत पते/ ईमेल पर ही किए जाएँगे। ऐसे ईमेल पते पर किसी भी सूचना या एलर्ट को न भेजने या देरी से भेजने के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा और ग्राहक इससे होने वाले नुकसान के की क्षतिपूर्ति क्षति पूर्ति की बैंक से मांग नहीं करेगा।

बैंक ने इंटरनेट द्वारा लेन-देन के लिए विशेष प्रक्रिया/ विकल्प तैयार किया है। यदि ग्राहक किसी अन्य प्रणाली (जैसे इंटरनेट बैंकिंग में से मेल, सामान्य ईमेल आदि से) से अनुदेश देता है तो बैंक इन लेन - देनों के प्रसंस्करण के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा। यदि बैंक इन लेन - देनों का किसी भी कारण से प्रसंस्करण नहीं करता है, इसके किसी भी परिणाम के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा।

लेन-देन संसाधन:

तात्कालिक लेन-देन के सभी अनुरोध पर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जाएगा। माँग ड्राफ्ट अनुरोध, सावधि जमा खोलने आदि (जब ऐसी सेवाएँ बैंक द्वारा शुरू की गई हों) जैसे गैर - तात्कालिक लेन - देन के सभी अनुरोधों पर नामे के लिए प्राधिकृत खाते में क्लियर फंड्स की उपलब्धता होने पर कार्यदिवस की समाप्ति पर प्रथम आवक प्रथम जावक आधार पर कार्य किया जाएगा। यदि किसी भी लेन - देन को प्रभावी करने के अनुरोध अवकाश/ सार्वजनिक अवकाश के दिन प्राप्त होते हैं, वे अगले कार्य दिवस से प्रभावी होंगे तथा उन पर उस दिन विद्यमान निबंधन व शर्तें लागू होंगी।

यदि बैंक प्रेषिती हो, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की पावती का समय प्रेषिती बैंक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने का समय है, न कि वह समय जब इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड नामित कंप्यूटर रिसोर्स में दर्ज़ किया जाता है।

ग्राहक बैंक को किसी भी लेन - देन के प्रसंसाधन/ प्रभावी न करने का ज़िम्मेदार नहीं बनाएगा यदि बैंक ने इस संबंध में कोई अनुदेश नहीं प्राप्त किया है, भले ही ग्राहक ने उसे अग्रेषित कर दिया हो।

निधि अंतरण:

ग्राहक निधि अंतरण के लिए इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग या प्रयोग करने का प्रयास नहीं कर सकता है यदि उसके खाते में पर्याप्त फंड न हो या बैंक के साथ पहले से ओवरड्राफ्ट सुविधा हेतु कोई व्यवस्था न हो। निधि की पर्याप्तता (या ऋण सुविधाएँ) न होने पर भी बैंक, अपने विवेकाधिकार से अनुदेशों के अनुपालन का निर्णय ले सकता है। बैंक उक्त कार्रवाई ग्राहक से पूर्वानुमोदन लिए बगैर या उसे पूर्व सूचना दिए बिना कर सकता है और ग्राहक को अतिदेय खातों को समाप्त करने के लिए लागू ब्याज के साथ चुकतान करना होगा।

बैंक को प्राधिकार:

ग्राहक के खाते में इंटरनेट बैंकिंग लेन - देन की अनुमति ग्राहक की लॉग-इन आइडी व पासवर्ड के प्रमाणीकरण के बाद ही दी जाएगी। लॉग-इन आइडी व पासवर्ड के सत्यापन के अलावा इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए ग्राहक से प्राप्त या ग्राहक द्वारा भेजे गए किसी भी लेन - देन की प्रामाणिकता के सत्यापन की बाध्यता बैंक पर नहीं होगी।

इंटरनेट बैंकिंग के परिचालन के वक़्त ग्राहक द्वारा प्रस्तुत डिस्प्ले या मुद्रित प्रति इंटरनेट ऐक्सेस के परिचालन का रिकॉर्ड है तथा इसे संबंधित लेन - देन को बैंक रिकॉर्ड के रूप में नहीं लिया जाएगा। कंप्यूटर सिस्टम्स या किसी अन्य माध्यम से अनुरक्षित लेन - देन वाले बैंक के अपने रिकॉर्डों को निर्णयात्मक रूप से स्वीकार किया जाएगा तथा यह सभी उद्देश्यों हेतु मान्य होगा जब तक कि ग्राहक द्वारा उसके/की/उनके खाते के एक्सेस की तारीख के एक हफ्ते के भीतर कोई विसंगति चिह्नित न कर ली जाए।

सूचना की परिशुद्धता:

इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करके या इलेक्ट्रानिक मेल या लिखित संप्रेषण के जरिए बैंक को प्रदत्त सूचना की वास्तविकता के लिए ग्राहक जिम्मेादार है । ग्राहक द्वारा प्रदत्त किसी भी गलत सूचना के लिए बैंक कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा । यदि ग्राहक को संदेह होता है कि उसके द्वारा बैंक को प्रदत्त कोई भी सूचना गलत है तो उसे शीघ्रतिशीघ्र इसकी सूचना बैंक को देनी होगी । बैंक गलतियों को ठीक करने का भरसक प्रयास करेगा बशर्ते बैंक ने इस प्रकार की सूचना के आधार पर कोई कार्रवाई न की हो।

स्टेटमेंट सभी आउटपुट खाते के स्टेटमेंट की दूसरी प्रति होती है और यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से तैयार किया जाता है और उसमें सन्निहित सूचनाएं बैंक में मौजूद कंप्यूटराइज़्ड बैक-अप सिस्टम से ली जाएंगी । हॉंलाकि बैंक स्टेटमेंट की शु्द्धता को सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा लेकिन किसी भी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं होगा । यदि उपर्युक्त् आउटपुट में अशुद्ध / त्रुटिपूर्ण सूचना पायी जाती है तो ग्राहक द्वारा उत्पन्न / सामना किए जाने वाले किसी भी क्षति अथवा हानि के विरुद्ध ग्राहक द्वारा बैंक को नुकसानरहित और क्षतिपूर्णीय बनाए रखना होगा ।

ग्राहक का दायित्व् / बैंक के अधिकार:

इंटरनेट बैंकिेग खाते में किसी भी अनधिकृत लेन - देन से उत्पन्न सभी नुकसान के लिए ग्राहक उत्त‍रदायी होगा यदि उसने निबंधनों का उल्लंघन किया हो या निम्नलिखित लापरवाह कार्यकलापों के कारण नुकसान हुआ हो:

1. इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड का लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप में रिकार्ड रखना।
2. इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड का प्रगटन करना या बैंक स्टाफ समेत किसी को भी इसका प्रगटन करना और / या समय रहते बैंक को ऐसे प्रगटन की सूचना देने से चूकना।
3. इंटरनेट बैंकिंग खाते में त्रुटिपूर्ण लेन - देन या अनधिकृत लेन - देन के विषय में समय-सीमा के अंदर बैंक को सूचित न करना।

बैंक ऐसी प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर सकता है जो इंटरनेट बैंकिंग सेवा की सुरक्षा और अनधिकृत लेन-देन के रोक को सख्ती से। तथापि यह सार्वभौमिक स्तर पर विदित है कि प्रौद्योगिकी की फूलप्रूफ/ टेम्पर प्रूफ गुणवत्ता और / या किसी समय विशेष पर उपलब्ध अद्यतन प्रौद्योगिकी से तालमेल बनाए रखने का कोई तरीका नहीं है । ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग पूरी जानकारी के साथ करना चाहिए कि यह एक सुरक्षित माध्यम नहीं है और इसलिए इस माध्यम से सभी लेन-देन ग्राहक के जोखिम पर होंगे । बैंक इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किए गए किसी भी लेन-देन के लिए या किसी हानि या उसके परिणाम चाहे जैसे भी हों,के लिए जिम्मेदार नहीं है / होगा।

ग्राहक से प्राप्त अनुदेश के आधार पर इंटरनेट बैकिंग के जरिए किए गए अथवा नहीं किए गए किसी भी लेन-देन से उसके खाते में हुए सभी नुकसान और उसके परिणाम और / या त्रुटिपूर्ण / अपूर्ण लेन-देन के लिए ग्राहक ही जिम्मेदार होगा । यदि किसी भी कारण से प्राकृतिक आपदा, बाढ़, आग लगने, और अन्य प्राकृतिक आपदा, विधिक सीमाएं, टेलीकम्यूनिकेशन नेटवर्क में त्रुटि या इंटरनेट या नेटवर्क फेल होने, सॉफ्टवेयर, या हार्डवेयर त्रुटि या कोई अन्य त्रुटि जो बैंक के नियंत्रण से बाहर हो, सिवाय उसके जब बैंक पूरी तरह से लापरवाह रहा हो यानी ऐसे कार्य जिसके लिए उसे चूक या पर्याप्त सावधानी न रखने को जिम्मेदार ठहराया जा सकता हो, ऐसे मामलों में इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा वांछित तरीके से उपलब्धं न होने के लिए ग्राहक का कोई दावा नहीं होगा। यह किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा चाहे वह नुकसान प्रत्यक्ष, अप्रत्यतक्ष, घटना सापेक्ष हो या फिर परिणामी हो और चाहे दावा लाभ पर आधारित हो या निवेश, उत्पादन, साख, लाभ, कारोबार में बाधा, या किसी भी प्रकृति का नुकसान हो और चाहे वह नुकसान ग्राहक का हुआ हो या किसी अन्य व्यक्ति का और चाहे यह नुकसान किए गए लेन-देन के कारण हो या फिर न किए गए लेनदेन के कारण / या त्रुटिपूर्ण या अपूर्ण लेन-देन के कारण हो, चाहे ऐसा लेन-देन ग्राहक की जानकारी में हो या ग्राहक के खाते में प्राधिकार के साथ हो या चाहे यह नुकसान इंटरनेट बैंकिंग माध्यम की गैर उपलब्धता ता या आंशिक उपलब्धता के कारण हो या किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा ग्राहक के पासवर्ड का दुरुपयोग करने के कारण हुआ हो । लेन-देन जोखिम ग्राहक के प्रति होगा न कि बैंक के प्रति।

व्याक्तिगत सूचना का प्रकटन :

ग्राहक इससे सहमत है कि बैंक व्यक्तिगत सूचना का प्रयोग इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं तथा सांख्यिकीय विश्ले षण और ऋण मूल्यांकन के लिए कंप्यूटर पर या अन्यथा करेगा। ग्राहक इस बात से भी सहमत होगा कि बैंक ऐसी व्यक्तिगत सूचना को उचित कारण से अन्य संस्था से भी गोपनीयता बरतते हुए साझा कर सकता है जिसमें निम्नलिखित कारण शामिल हो सकते हैं लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं रहेंगे : -

  •   किसी भी टेलीकम्यूनिकेशन या इलेक्ट्रानिक क्लियरिंग नेटवर्क में सहभागिता हेतु
  •   विधि निदेश के अनुपालन में
  •   प्रतिष्ठित क्रेडिट स्कोरिंग एजेंसियों द्वारा क्रेडिट रेटिंग के लिए
  •   धोखाधड़ी निवारण उद्देश्यों के लिए

डिजिटल हस्ताक्षर का गलत प्रमाणीकरण होने पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत प्रमाणकर्ता प्राधिकारी द्वारा जारी डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र के आधार पर लेन-देन या किसी और कार्रवाई के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

कानून द्वारा अपेक्षित होने पर भारत सरकार या किसी अन्य सरकारी या लोक प्राधिकारी या आयकर, उत्पाद, सीमा शुल्क, वाणिज्यिक कर विभाग इत्यादि को खातों का विवरण उजागर करने पर बैंक को सुरक्षा मिलनी चाहिए।

बैंक यदि प्रमाणकर्ता प्राधिकारी द्वारा जारी डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र के आधार पर कार्य करता है तो किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा किसी भी अनाधिकृत लेन-देन के लिए , जिसकी बैंक को जानकारी नहीं है, बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।

"दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी" या "कोई एक या उत्तरजीवी" खातों के मामले में यदि एक पक्ष बैंक को खाते के परिचालन बंद करने के संबंध में अनुदेश देता है तो बैंक को तब तक दोनों/ किसी भी पक्ष को खातों के परिचालन की अनुमति नहीं देनी चाहिए जब तक दोनों/ सभी पक्ष खातों का परिचालन दोबारा शुरू करने का संयुक्त रूप से आग्रह नहीं करते।

क्षतिपूर्ति :

ग्राहक द्वारा इंटरनेट बैंकिंग के अनुचित प्रयोग के परिणामस्वरूप उत्पन्न अन्य पक्ष की कार्रवाई या किसी दावे या अन्य पक्ष या इसके ग्राहक या बैंक को होने वाली किसी भी नुकसान से ग्राहक बैंक को क्षतिपूर्ति और नुकसान रहित करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

बैंक का ग्रहणाधिकार

बैंक के पास समंजनाधिकार और ग्रहणाधिकार दोनों होंगे, भले ही ग्राहक के प्राथमिक खाते में और / या द्वितीय खाता(ते) में या किसी अन्य खाते में, चाहे एकल हो या संयुक्त नाम पर, उपलब्ध जमा पर वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी कोई अन्य ग्रहणाधिकार या प्रभार सृजित क्यों न हो जाए। यह समंजन देय बकाए की सीमा तक, जो ग्राहक द्वारा प्रयुक्त इंटरनेट सेवाओं और/ या बैक द्वारा ग्राहक को प्रदत्त इंटरनेट सुविधा के चलते क्यों न उत्पन्न हुए हों।

अन्य पक्ष वेबसाइट के लिंक:

साइट में तीसरे पक्ष की वेबसाइटों ("लिंक्ड साइट्स") के लिंक हो सकते हैं। लिंक्ड साइटें बैंक के नियंत्रण में नहीं हैं और किसी भी लिंक्ड साइट की समाग्रियों या लिंक्ड साइट या किसी बदलाव या लिंक्ड साइट पर किसी अपडेट के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। बैंक किसी भी लिंक्ड साइट से लेन-देन के संबंध में उत्तरदायी नहीं है न ही लिंक्ड साइट के सुचारू रूप से कार्य न करने के लिए ज़िम्मेदार है। बैंक ग्राहकों को ये लिंक सिर्फ सुविधा के लिए दे रहा है और किसी भी लिंक के समावेशन का अभिप्राय बैंक द्वारा लिंक्ड साइट या किसी अन्य एसोसिएशन का पृष्ठांकन करना नहीं है। ग्राहक इन्हें देखने और प्राइवेसी स्टेटमेंट तथा लिंक्ड साइट पर दिए गए प्रयोग के निबंधनों के उल्लंघन हेतु स्वयं उत्तरदायी है। बैंक कोई दावा या गारंटी नहीं करता और गुणवत्ता या किसी और बात की गारंटी नहीं देता तथा साइट पर प्रदर्शित और संस्तुत तीसरे पक्ष के किसी भी उत्पादों, सेवाओं तथा/ या संवर्धन के लिए किसी भी प्रतिपूर्ति के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बैंक ज़िम्मेदार नहीं होगा। किसी भी कारण से लिंक्ड साइटों या किसी भी तीसरे पक्ष के साथ ग्राहक की किसी भी डीलिंग या संवाद के परिणामों की ज़िम्मेदारी से बैंक मुक्त है।

निबंधनों व शर्तों में परिवर्तन:

बैंक के पास किसी भी निबंधन में किसी भी समय संशोधन या परिवर्तन करने का पूरा अधिकार है और वह ऐसे बदलावों के लिए पूर्व सूचना देने का प्रयास करेगा जहाँ भी मुमकिन होगा सिवाय उन परिवर्तनों के जो मार्केट/ विनियामक परिवर्तनों के अधीन हैं। बैंक समय-समय पर इंटरनेट बैंकिंग में नई सेवाएँ शुरू कर सकता है। नई सेवाओं की मौज़ूदगी और उपलब्धता की सूचना ग्राहकों को उनकी शुरुआत के बाद दे दी जाएगी। नई इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं पर लागू परिवर्तित निबंधन व शर्त ग्राहकों को सूचित किए जाएँगे। इन नई सेवाओं का प्रयोग करते हुए ग्राहक प्रभावी निबंधन व शर्तों को मानने के लिए बाध्य है।

न्यूनतम शेष व प्रभार:

ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग खातों में बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारितानुसार ऐसे न्यूनतम शेष को अनुरक्षित करेगा। बैंक न्यूनतम शेष के अननुरक्षण हेतु अपने विवेकाधिकार से दांडिक प्रभार तथा/ या सेवा प्रभार लगा सकता है। बैंक अपने विवेकाधिकार से निर्धारित न्यूनतम शेष के अलावा इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग के लिए सेवा प्रभार लगा सकता है। ग्राहक अपने इंटरनेट बैंकिंग खाते से नामे करके इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित सभी प्रभारों की वसूली के लिए बैंक को प्राधिकृत करता है।

इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं की समाप्ति: :

ग्राहक के सभी खातों की समाप्ति इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं को स्वत: ही समाप्त कर देगी।

बैंक इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं को किसी भी समय समाप्त कर सकता है बशर्ते ग्राहक को परिस्थितियों के तहत उचित सूचना दी गई हो।

यदि ग्राहक ने नियम व शर्तों का उल्लंघन किया है या बैंक को उसकी मृत्यु या दिवालियापन या ग्राहक की कम विधिक क्षमता के बारे में बैंक को पता चलता है तो बैंक इंटरनेट बैंकिंग सुविधाओं को निलंबित या समाप्त कर सकता है।

शासकीय विधि:

ये नियम व शर्तें और / या बैंक की देख - रेख में किए जा रहे ग्राहकों के खातों के परिचालन या / और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए प्रदान की जा रही सुविधाएं सिर्फ भारत के गणतंत्र की विधियों द्वारा नियंत्रित होंगी न कि किसी अन्य राष्ट्र द्वारा। इन नियम व शर्तों के अंतर्गत उत्पन्न होने वाले किसी प्रकार के दावों या मामलों को प्रस्तुत करने के लिए ग्राहक और बैंक का विशेष न्यायाधिकार क्षेत्र वही होगा जिनके न्यायाधिकार क्षेत्र के अंतर्गत वह शाखा आती है जिसमें खाते की देख-रेख की जा रही है।

भारत के गणराज्य के अलावा बैंक किसी भी अन्य देश के कानून के अननुपालन की किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेता है। सिर्फ यह तथ्य कि भारत के अलावा किसी अन्य देश में इंटरनेट के माध्यम से किसी ग्राहक द्वारा इंटरनेट बैंकिंग सेवा का उपयोग करने पर अथवा / इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग और अथवा / इंटरनेट बैंकिंग खाता का परिचालन कथित देश का कानून और निबंधन और शर्तें बैंक पर लागू नहीं होंगी।

वारंटियों का अस्वीकरण:

i.ग्राहक द्वारा इस साइट का उपयोग अपनी पूर्ण जिम्मेदारी और जोखिम पर करना है । इस साइट पर उपलब्ध सूचना यथा उपलब्धि के आधार पर है ।

ii.   बैंक एतदद्वारा व्यक्त और पूर्ण रूप से सभी वारंटियों को अस्वीकृत करता है कि चाहे वे व्यक्त अथवा स्वत स्पष्ट हो , किसी विशेष उद्देश्य के वारंटी की शुद्धता, पूर्णता और व्यापारिकता और बौद्धिकता नीति का अतिलंघन करता हो ।

iii. ग्राहक स्वीकार करता है और पूर्ण व्यक्त करता है कि इस साइट पर उपलब्ध किसी सूचना का प्रयोग करने से होने वाले किसी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष आकस्मिक हानि के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा । ग्राहक स्वीकार करता है और पूर्ण व्यक्त करता है कि यहाँ उपलब्ध सूचना केवल व्यक्तिगत प्रयोग के लिए है ।

iv.बैंक यह गारंटी भी नहीं देता कि कथित सूचना ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करेगी और इसके प्रयोग से अथवा इस सामग्री को प्रयोग करने में अक्षमता से होने वाले किसी हानि, व्यवधान ,क्षति, उपेक्षा (किसी भी प्रकार की हानि, क्षति, व्यवधान, सीमा रहित, जो भी हो ) के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा ।

v. बैंक इस बात की गारंटी नहीं लेता कि सामग्रियों में शामिल कृत्य अबाधित या त्रुटिहीन होंगे, या खामियों को सुधार लिया जाएगा या जो साइट या सर्वर उन्हें सामग्री उपलब्ध कराते हैं वे वायरस या अन्य हानि तत्वों से मुक्त होंगे।

vi. इस साइट से ग्राहक द्वारा ली गई कोई भी सूचना, चाहे वह लिखित हो अथवा मौखिक, प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष, किसी भी माध्यम से हो, के लिए व्यक्त अथवा मान्य वारंटी नहीं होगी ।

नोटिस:

बैंक सामान्य प्रकृति के नोटिस को प्रकाशित कर सकता है, जो इसकी वेबसाइट पर नेट बैंकिंग के सभी ग्राहकों पर लागू है। ऐसे नोटिसों का वही प्रभाव होगा जो कि प्रत्येक ग्राहक को व्यक्तिगत रूप से दिए गए नोटिस का होता है।

विवाद की स्थिति में, न्यायालय जिसके अधिकार क्षेत्र में वह शाखा आती है जिसमें खाता अनुरक्षित किया गया है उसे ऐसे विवाद पर निर्णय देने का विशेष अधिकार होगा और इस पर किसी अन्य न्यायालय का अधिकार नहीं होगा ।

छूट:

बैंक की ओर से इसके अंतर्गत इस परिसर में किसी अधिकार का प्रयोग करने में या अन्यथा, विधि सम्मत से, संविदात्मक रूप से या विधिक रूप से, इसके उपलब्ध होने में असफल होने पर, या इसमें निहित किसी विकल्प, अधिकार या उपचार के प्रयोग के लिए या अन्यथा, ऐसी शर्त, अनुबंध, विकल्प, अधिकार या उपचार के छूट या त्याग की तरह नहीं माने जाएंगे, परंतु यही जारी रहेगा और पूरे प्रवर्तन एवं प्रभाव में रहेगा।

इसके अतिरिक्त बैंक द्वारा किसी भी अधिकार, शक्ति, या उपचार के कम या आंशिक प्रयोग को कोई अन्य या इसके अतिरिक्त प्रयोग या किसी अन्य अधिकार, शक्ति या उपचार के प्रयोग को सीमित / वर्जित नहीं किया जाएगा।

सामान्य:

इस समझौते में खंड शीर्षक सिर्फ सुविधा के लिए हैं और संबंधित खंड के अर्थ को प्रभावित नहीं करते।

प्रयोक्ता इस समझौते को किसी अन्य से संबद्ध नहीं करेगा। बैंक इस अनुबंध के तहत प्रविभाजित कर सकता है और किसी भी दायित्व के कार्यान्वयन के लिए एजेंटों को नियुक्त कर सकता है। बैंक इस अनुबंध के तहत अपने अधिकार व बाध्यताएं किसी अन्य कंपनी को अंतरित कर सकता है।